खूबसूरती का फलता-फूलता पेशा

खूबसूरती का फलता-फूलता पेशा

डॉक्‍टर दीपाली भारद्वाज

वो दिन लद गए जब किसी व्‍यक्ति को भगवान द्वारा दिए गए चेहरे मोहरेत्‍वचा या बालों के रंग के साथ ही जिंदगी काटनी होती थी। अब तो ये आलम है कि आप अपने घर के नजदीक किसी ब्‍यूटी क्लिनिक में नाकहोंठत्‍वचाबाल और यहां तक कि जबड़े भी अपनी पसंद के अनुसार बनवा सकते हैं। इस आलेख में हम खूबसूरती के पेशे में आई तेजी और आजकल के ब्‍यूटी ट्रीटमेंट की चर्चा करेंगे।

फ‍िलर्स का जमाना है

आज का चलन फ‍िलर्स का है, फ‍िर चाहे वह आपके गाल को ऊपर उठाने वाले रेगुलर फि‍लर्स हों या आपकी पेशानी पर से झुर्रियां हटाने वाली बोटोक्‍स हो, अथवा डी थ्रेड हो जो कि खास तौर पर आपके जबड़े को टाइट करने के लिए तैयार की गई और जो आपको कम से कम 10 वर्ष कम आयु का दिखाने लगती है, ये सभी आजकल खूबसूरती के पेशे में हिट हैं। उम्र के असर को बेअसर करने का चलन बाजार में हर ओर छाया है। तो आप अपनी पसंद का कोई भी उपाय आजमा सकते हैं और खूबसूरत दिख सकते हैं।

और सिर्फ त्‍वचा के लिए ही नहीं ऐसे फ‍िलर्स बालों के लिए भी उपलब्‍ध हैं और लोकप्रिय हो रहे हैं। पीआरपी यानी प्‍लेटलेट रिच प्‍लाज्‍मा फ‍िलर्स व्‍यक्ति के रक्‍त प्‍लाज्‍मा के जरिये तैयार होता है और इसे सीधे खोपड़ी में इंजेक्‍ट किया जाता है और इसके जरिये बाल फि‍र से उगने लगते हैं। ये प्रक्रिया तेजी से लोकप्रिय हो रही है क्‍योंकि इसके जरिये पुरुष और महिला दोनों के बाल उगाए जा सकते हैं जबकि हेयर इंप्‍लांट सिर्फ पुरुषों के लिए ही रिकमेंडेड था। जाहिर है महिलाएं पीआरपी की तरफ ज्‍यादा आकर्षित हो रही हैं।

निशान का डर कैसा

एक समय था जब आपके शरीर के निशान यह तय करते थे कि आप कैसी पोशाक पहनेंगे, आप कैसे दिखेंगे और किसके साथ डेट पर जाएंगे। कहीं कोई निशान लोग देख न लें यह डर हमेशा बना रहता था मगर अब ये डर खत्‍म है। रेडियो फ्रीक्‍वेंसी (आरएफ) के अवतरण के बाद शरीर के किसी भी तरह के निशान को मिटाना आसान हो गया है, फिर चाहे वो जलने का दाग हो या किसी तरह की त्‍वचा संबंधी समस्‍या। इसलिए अब इस समस्‍या को गुडबाय कह‍िये और एक नई त्‍वचा के साथ जिंदगी में आगे बढि़ये।

रसीले होंठ पर गर्व करें

पिछले कुछ वर्षों का नया ट्रेंड (ब्रेकअप्‍स को छोड़कर) है भरे हुए पर्फेक्‍ट होंठ। अब यह सिर्फ अभिनेत्रियों तक सीमित नहीं है बल्कि पर्फेक्‍ट सेल्‍फी के लिए होठों को भरने का यह ट्रेंड 18 से 30 की उम्र की युवतियों में भी जोर मार रहा है। आज की फास्‍ट फूड पीढ़ी में यह और भी लोकप्रिय इसलिए हो रहा है क्‍योंकि यह दर्दरहित प्रक्रिया है और सिर्फ एक ही सीटिंग में पूरी हो जाती है।

लेजर का जमाना

लेजर आज का एक और नया ट्रेंड है। खासतौर पर बालों को हटाने के लिए। लंबे समय के लिए अनचाहे बालों से छुटकारा पाने का यह दर्दरहित तरीका है। शरीर के हिस्‍से और बालों की संख्‍या के हिसाब से आपको लेजर प्रक्रिया के लिए एक से लेकर दस तक सीटिंग करनी पड़ सकती है।

मर्द किसी से कम नहीं

इस सभी उपायों में एक दिलचस्‍प तथ्‍य यह है कि ये महिलाओं जितना ही पुरुषों में भी लोकप्रिय हैं। हमारे पास फेसियल, छाती के बाल हटवाने और चेहरे पर बोटोक्‍स ट्रिटमेंट लेने के लिए आने वाले मर्दों की संख्‍या बढ़ती जा रही है।

समाज में पति-पत्‍नी दोनों के कमाने और इसके कारण प्रति व्‍यक्ति आय बढ़ने का एक असर यह हुआ है कि खूबसूरत दिखने की चाह भी बढ़ गई है और इसके खूबसूरती का बाजार भी उस गति से बढ़ रहा है जैसा पहले कभी नहीं था।

झोलाछाप से सावधान

यह जरूरी है कि किसी भी तरह का ब्‍यूटी ट्रीटमेंट लेने से पहले यह जांच लें कि डॉक्‍टर सही है या नहीं। ये इसलिए क्‍योंकि इलाज के अन्‍य धंधों की तरह इस पेशे में भी झोलाछाप की कमी नहीं है।

ये जान लें कि खूबसूरती अब भगवान की दी हुई नेमत नहीं है। ये अब कॉस्‍मेटोलॉजिस्‍ट के हाथों में ज्‍यादा है। इसलिए अपने लिए सावधानी से किसी भी प्रक्रिया का चयन करें।

(डॉक्‍टर दीपाली भारद्वाज दिल्‍ली की वरिष्‍ठ त्‍वचा रोग और कायाकल्‍प विशेषज्ञ हैं)

 

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